छात्र यूपीपीएससी के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?
प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के सामने धरने का चौथा दिन, लखनऊ में विरोध प्रदर्शन पर रोक, अखिलेश यादव का बयान
14 नवंबर को प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के बाहर चल रहा धरना चौथे दिन भी जारी है। वहीं, लखनऊ में विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने रोक लगा दी है। छात्रों का यह प्रदर्शन मुख्य रूप से यूपीपीएससी (उत्तर प्रदेश सार्वजनिक सेवा आयोग) की परीक्षाओं और उनके परिणाम को लेकर है।
छात्रों के आरोप हैं कि आयोग की परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ियां और भेदभाव हो रहा है, जो उनके फ्यूचर के साथ खिलवाड़ कर रहा है। खासतौर पर, पिछले कुछ महीनों में यूपीपीएससी के परीक्षा परिणाम को लेकर कई विवाद उठ चुके हैं। छात्रों का कहना है कि कई छात्रों को उनके कड़ी मेहनत के बावजूद समान अवसर नहीं मिल रहे, और परीक्षा परिणाम में अन्याय किया जा रहा है।
इस विरोध प्रदर्शन के बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार को यूपीपीएससी परीक्षा के विवादों का जल्द समाधान करना चाहिए और छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।
प्रदर्शनकारियों का मुख्य मुद्दा है कि साक्षात्कार प्रक्रिया और मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्शिता की कमी है। छात्रों का आरोप है कि परीक्षाओं के निर्णय में पक्षपाती रवैया अपनाया जा रहा है, और उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा।
अभी तक, यूपी सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, लेकिन छात्रों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। वे पुलिस द्वारा कार्रवाई और विरोध पर रोक के बावजूद धरने पर बैठे हुए हैं, और न्याय की मांग कर रहे हैं।
धरना स्थल पर छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है और साथ ही कुछ अन्य छात्र संगठनों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। यह आंदोलन अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, क्योंकि विपक्षी दल इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने का मौका देख रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और सपा के बयान ने इस प्रदर्शन को और भी तूल दे दिया है। अब देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मुद्दे का समाधान कैसे करती है और क्या छात्रों की मांगों को स्वीकार किया जाएगा।