Connect with us

Politics

जम्मू और कश्मीर विधानसभा ने विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पास किया, जबकि बीजेपी ने इसका विरोध किया।

Published

on

Jammu and Kashmir विधानसभा ने राज्य में स्पेशल स्टेट्स की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित किया है. National Conference के नेता और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने ये प्रस्ताव पेश किया. BJP के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. वहीं Congress के सदस्यों ने इस पर चुप्पी साध ली.

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की विधानसभा ने 6 मार्च को राज्य के विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव नेशनल कांफ्रेंस के नेता और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी द्वारा पेश किया गया था। जैसे ही यह प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत हुआ, वहां हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया, जबकि कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी दलों के सदस्यों ने पार्टी लाइन से अलग हटकर इसका समर्थन किया। जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक कर्रा और नेता पीरजादा मोहम्मद सईद इस प्रस्ताव पर चुप रहे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 

इस प्रस्ताव में कहा गया कि विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटियों को बहाल करने की मांग करती है. इनसे जम्मू कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा होती है. हम इसे एकतरफा हटाए जाने से चिंतित हैं. इसमें आगे कहा गया कि विशेष दर्जे की बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू -कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षांओं दोनों की रक्षा होनी चाहिए.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा से पारित इस प्रस्ताव में भारत सरकार से अपील की गई है कि वह केंद्र शासित प्रदेश के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ वार्ता शुरू करे, ताकि राज्य के विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया तैयार की जा सके। वहीं, बीजेपी ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया।

6 नवंबर को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेशनल कांफ्रेस के विधायक और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे का प्रस्ताव पेश किया. नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुनील शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह नियमों के खिलाफ है. और सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं है. भाजपा के विधायक इस प्रस्ताव के विरोध में हंगामा करने लगे.

बीजेपी सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने देने पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग कराने की चेतावनी दी. लेकिन बीजेपी ने विरोध जारी रखा. जिसके बाद दोनों पक्षों ने प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में नारे लगाए. सदन में हो रहे हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव पर वोटिंग कराई और ध्वनिमत से प्रस्ताव को पारित कर दिया. इसके विरोध में बीजेपी के सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.