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बालू की बढ़ती कीमत एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जो थमने का नाम नहीं ले रही है।

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राज्य सरकार की ओर से बालू खदानों से उठाव पर पाबंदी के बाद बालू की कीमत छह माह में ही दोगुनी हो गई है। जिसका हर्जाना आम लोगों को भुगताना पड़ रहा है।
रांची बालू एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश रंजन ने बताया कि 9 माह पहले 4200 रुपये बिकने वाला टर्बो अब 9000 से 11000 हजार रुपये बिक रहा है। जिससे लोग को घर बनाने में काफी परेशानी आ रही है। जिन लोगों ने घर बनना शुरू कर दिया था, अब वे बालू की कीमत बढ़ने के कारण अधूरा छोड़ चुके हैं। वे बालू की कीमत कम होने के इंतजार में भी बैठे हुए हैं।
रांची में बालू 1200 रुपये टन बिक रहा है, जबकि अगर झारखंड में बालू पर रोक हट जाती है तो बालू 900 रुपये टन बिकने की उम्मीद है। वहीं, रांची में बिहार के गया जिला के फलगू नदी से बालू पहुंच रहा है। जिससे लोग महंगी बालू खरीद कर घर, मकान बनाने में मजबूर हैं। जबकि गिट्टी काला 7200-7400 रुपये और सफेद गिट्टी 6000 रुपये टब्रो मिल रहा है। ईटा की कीमत स्थिर है, ईटा 2500 पीस की कीमत 18-20 हजार रुपये बिक रहा है।

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