CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में 9 जजों की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोई भी निजी संपत्ति को सार्वजनिक या सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता, और राज्य सरकारें निजी संपत्तियों पर अधिकार नहीं जमा सकतीं।
सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति से जुड़े विवाद पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 जजों की बेंच ने कहा कि किसी भी निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 39B के तहत सरकार केवल कुछ विशेष संसाधनों को सामुदायिक संपत्ति मान सकती है, जिन्हें आम जनता के हित में उपयोग किया जा सकता है।