ट्रंप की जीत ने अमेरिकी बाजारों को रातोंरात तेजी से ऊपर उठा दिया है. हालांकि भारत पर इसका ऐसा ही सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने वाले हैं, और यह कहा जा रहा है कि उनके चुनावी जीत का भारत पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, खासकर भारतीय शेयर बाजार पर। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजारों में तेजी देखी गई थी, लेकिन इसके बाद बाजार में गिरावट का रुख भी देखने को मिला।
6 नवंबर को अमेरिका के शेयर बाजार में तेज़ी देखने को मिली, और यह रुझान अगले दिन भी जारी रहा। बिरिनी एसोसिएट्स और ब्लूमबर्ग के अनुसार, 7 नवंबर को S&P 500 इंडेक्स में 2.5% की बढ़ोतरी हुई, जो चुनावों के बाद की सबसे बड़ी उछाल है। वहीं, स्मॉल-कैप शेयरों में 5.8% की वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, 7 नवंबर को भारत का BSE सेंसेक्स 848.48 अंक यानी 1.06% गिरकर 79,529.65 पर कारोबार कर रहा था।
बिजनेस टुडे के मुताबिक, ट्रंप की जीत ने अमेरिकी बाजारों में रातों-रात तेजी ला दी, लेकिन भारतीय बाजारों पर इसका उतना सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है। भारतीय बाजार पहले ही उच्च मूल्यांकन पर हैं, और यहाँ आय में मंदी का डर भी सताता है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, SMC ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड के निदेशक और सीईओ अजय गर्ग ने कहा,
चार साल के अंतराल के बाद ट्रंप के दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से व्यापार, रक्षा, आव्रजन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों आने की उम्मीद है.
अजय गर्ग का मानना है कि ट्रंप के घरेलू उत्पादन के लिए कॉर्पोरेट टैक्स दर को 21% से घटाकर 15% करने के प्रस्ताव से TCS और HCL टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियों को लाभ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर कम जोर दिया है, जिससे भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को अमेरिका से कम समर्थन मिल सकता है, लेकिन यह NTPC और SJVN जैसी कंपनियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
VSRK कैपिटल के निदेशक स्वप्निल अग्रवाल का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है, विशेष रूप से विनिर्माण, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में। इसके साथ ही यह निवेशकों के लिए नए अवसरों की भी पेशकश करेगा। स्वप्निल अग्रवाल ने कहा,
अगर ट्रंप चीनी प्रॉडक्ट्स पर फिर से हाई टैरिफ लागू करते हैं तो भारतीय निर्माता अमेरिकी बाजारों में बढ़त हासिल कर सकते हैं. इससे वहां ऑटो पार्ट्स, सोलर उपकरण और रसायन जैसे एक्सपोर्ट उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है. इन सेक्टर में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
नुकसान की भी आशंका
लेमन मार्केट्स डेस्क के गौरव गर्ग ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि ट्रंप की जीत से शॉर्ट टर्म में शेयर बाजार में रौनक देखने को मिल सकती है। उनका कहना है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारतीय मिडकैप आईटी कंपनियों के लिए नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने ट्रंप की जीत के साथ ट्रेड वॉर की आशंका भी जताई। उनका कहना है कि ट्रंप की सख्त व्यापार नीतियों से डॉलर मजबूत हो सकता है और बॉन्ड यील्ड्स पर रिटर्न बढ़ सकता है, जिससे उभरते बाजारों, जैसे भारत, पर दबाव बन सकता है। विदेशी निवेशक अपना पैसा वापस अमेरिका में शिफ्ट कर सकते हैं, जिससे भारत में निवेश में कमी आ सकती है और रुपया कमजोर हो सकता है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इस समय निवेशकों को उत्साह और अनिश्चितता के बीच गुणवत्ता और मूल्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।